जातिवाद की सियासत हर जगह बुनी जा रही है। जहां देखो वहीं जातिवाद। स़ड़क से लेकर होटल के भोजन तक भी जातिवाद का राजनीति खेली जा रही है। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर 14 अप्रैल को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को सशक्त बनाने के लिए पटना के पांच सितारा होटल मौर्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद थे, मगर इस पूरे कार्यक्रम को लेकर विवाद तब हो गया जब रविशंकर प्रसाद ने फाइव स्टार होटल में दलितों के साथ दिन का भोजन किया।

इस के बाद सियासत गर्म हो गई। रविशंकर प्रसाद ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैं दलितों के लिए पटना के होटल में आयोजित भोज का आयोजक था। रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे एससी/एसटी बहन-बेटियों को भी अच्छे होटल में खाना खाने का पूरा अधिकार है। उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, दलितों के वोट के लिए उनका उपयोग करने वाले लोगों को उनके अच्छे होटल में खाने से परेशानी हो रही है। दलित महिलाओं को आइटी ट्रेनिंग देकर मोदी सरकार ने उनको सशक्त करने का काम किया है।

बता दें कि तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा था कि  ‘पटना के ‘चीना कोठी दलित टोला’ में गरीब दलितों के यहां खाना ठुकराने के बाद पांच सितारा होटल पहुंच छोले-भटूरे खाकर आंबेडकर जयंती पर दलित सशक्तिकरण करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद।’ तेजस्वी के ट्वीट का पलटवार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने लिखा, ‘आंबेडकर जयंती के अवसर पर बिहार के डिजिटली साक्षर दलित महिलाओं को सम्मानित किया गया। मैं खुद को गौरवान्वित मानता हूं कि मैने उनके साथ लंच किया।

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