सोमवार से रियल इस्टेट सेक्टर में ‘द रियल इस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016’ (रेरा) प्रभावी होने जा रहा है। यदि आप घर खरीदने का विचार बना रहे हैं लेकिन प्रोजेक्ट के देरी या घटिया निर्माण से के डर से हिम्मत नहीं जुटा रहे है, तो अब निश्चिंत हो जाइये। एक मई से रेरा लागू हो गया है। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि बिल्डरों को तय समय के अंदर ही मकान देना होगा। यदि बिल्डर निर्माण में किसी तरह की धोखाधड़ी करता है तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

5बिल्डरों की मनमानी से निजात दिलाने वाला यह कानून मार्च, 2016 में संसद में पास हो गया था और अब एक मई, 2017 से यह 13 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने की अधिसूचना जारी की है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओड़ीशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बिहार, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादर व नागर हवेली, दमन-दीव, लक्षद्वीप आदि ने यह नियम अधिसूचित कर दिए हैं।

केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री वैंकैया नायडू ने रविवार को हैदराबाद में कहा मैंने सभी संबंधित पक्षों को आश्वासन दिया है कि यह विधेयक सभी के हित में बस इस क्षेत्र के विनियमन के लिए है। लेकिन इस क्षेत्र का गला नहीं घोंटता है। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि डेवलपर अपने वादे पूरे करें। विज्ञापन में जो वादे किए गए हैं, उनका पालन हो।

केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय का मानना है कि रियल  इस्टेट सेक्टर में करीब 76 हजार कंपनियां काम कर रही हैं। 31 जुलाई तक इन कंपनियों को रियल  इस्टेट रेग्युलेटर के पास पंजीकरण कराना होगा।

हर साल तकरीबन 10 लाख लोग नए घर के लिए निवेश करते हैं। वर्ष 2011 से 2015 तक हर साल 2,349 से 4,488 प्रोजेक्ट लांच हुए। देश के 15 राज्यों के 27 शहरों में ऐसे कुल 17,526 प्रोजेक्ट लांच हुए, जिनमें 13.70 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here