पाकिस्तान इस समय आंतरिक और ब्राह्य दोनों तरफ से संकटों से घिरा हुआ है। एक तरफ जहां आतंकवाद और हाफिज सईद को लेकर दुनिया भर से पाकिस्तान सरकार को खरी-खोटी सुनने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के द्वारा लगातार हो रहे प्रदर्शन के दबाव के बाद कानून मंत्री जाहिद हमीद ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि चुनाव प्रक्रिया के हलफनामे से पैगंबर मुहम्मद का जिक्र हटाए जाने से कट्टरपंथी संगठन कानून मंत्री से नाराज थे। इस्तीफे के बाद कट्टरपंथी संगठनों ने अपना आंदोलन खत्म करने का एलान किया है।

पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हामिद ने पुलिस और विभिन्न धर्मों के प्रदर्शनकारियों के बाद सोमवार को इस्तीफा दे दिया।  हामिद ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा देश में अमन बहाली के लिए दिया है लेकिन विवादिस संशोधन के लिए वो जिम्मेदार नहीं है। तहरीक-ए-लब्बैक के प्रवक्ता एजाज अशरफी ने कहा कि हामिद ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को सौंप दिया है, इसलिए वह अपना विरोध खत्म करेंगे। तहरीक-ए-लब्बैक इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा था। बता दें कि, हफ्ते भर से जारी हिंसक प्रदर्शन में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा पुलिसवालों समेत 230 लोग घायल हुए हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री अध्यक्षता में रविवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में कट्टरपंथियों के आंदोलन के साथ कठोरता न बरते जाने का फैसला किया गया था। बैठक में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा भी मौजूद थे। गौरतलब है कि  पिछले 20 दिनों से जारी प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म कराने की तमाम कोशिशों के नाकाम होने के बाद आखिरकार सरकार को यह फैसला लेना पड़ा। ज्ञात हो कि चुनाव के लिए उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले हलफनामे से पैगंबर मुहम्मद का जिक्र हटाए जाने से देश का धार्मिक तबका खफा हो गया था। इस मामले को उसने ईश निंदा से जोड़कर देखा। इसके बाद तहरीक-ए-खतम-ए-नबुव्वत, तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया।

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