सीट बेल्ट और हेलमेट न पहनना पड़ सकता है भारी, जानिए सड़क हादसों के बारे में क्या बताती है ROAD ACCIDENTS IN INDIA रिपोर्ट…

राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी की गई Road Accidents In India रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं की 4,12,432 घटनाएं दर्ज की गई, जिसमें 1,53,972 लोगों की मौत हो गई और 3,84,448 लोग घायल हुए।

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सीट बेल्ट और हेलमेट न पहनना पड़ सकता है भारी, जानिए सड़क हादसों के बारे में क्या बताती है ROAD ACCIDENTS IN INDIA रिपोर्ट... - APN News
Road Accidents In India - 2021

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021’ (ROAD ACCIDENTS IN INDIA – 2021) को 28 दिसंबर 2022 को जारी कर दिया है। इस रिपोर्ट में साल 2021 के दौरान देश में हुई सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है। दस खंडों वाली इस रिपोर्ट में भारत के हरेक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में हुई सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जानकारी दी गई है।

2021 में कितने हुए हादसे?

मंत्रालय द्वारा जारी की गई Road Accidents In India रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं की 4,12,432 घटनाएं दर्ज की गई, जिसमें 1,53,972 लोगों की मौत हो गई और 3,84,448 लोग घायल हुए। कोरोना के कारण लोगों के घरों में ही रहने के चलते 2020 के दौरान, देश में दुर्घटनाओं, मौतों और घायलों की संख्‍या में अप्रत्याशित कमी देखी गई थी। हालांकि रिपोर्ट में बताया गया है कि दुर्घटनाओं से संबंधित प्रमुख संकेतकों (Indicators) में 2019 की तुलना में 2021 में कुछ सुधार देखा गया है। 2020 को तुलना के लिए इसलिए नहीं रखा गया क्योंकि इस साल में COVID-19 के चलते लगे लॉकडाउन (Lockdown) से ज्यादातार लोग अपने घरों में ही रहे थे।

2019 कर तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 8.1 फीसदी की कमी देखी गई है तो वहीं घायलों की संख्‍या में भी 14.8 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, 2019 की समान अवधि की तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दुर्घटनाओं की संख्या के मामले में तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्यों में सबसे ऊपर है, जबकि उत्तर प्रदेश में 2021 के दौरान सबसे अधिक दुर्घटनाओं से संबंधित मौतें दर्ज की गई।

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Accident in India – 2016-21

किन वजहों से इतने हादसे?

रिपोर्ट में अगर किसी आंकड़े ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा तो वो था सीट बेल्ट न पहनने से होने वाली मौतें। मंत्रालय ने बताया कि भारत में 2021 में अगर लोग सीट पहन कर गाड़ी चलाते तो 16,397 लोगों की मौत न होती, क्योंकि रिपोर्ट में 16,397 मौतों का कारण सीट बेल्ट (Seatbelt) न लगाकर ड्राइव करना लिखा है। इन 16,397 लोगों में से 8,438 ड्राइवर हैं, जबकि 7,959 कार में बैठे बाकी यात्री थे।

सीट बेल्ट के अलावा बगैर हेलमेट (Helmet) पहने दोपहिया वाहन चलाने से हुए हादसों में 46,593 लोगों की मौत हो गई, इनमें से 32,877 (70.6 फीसदी) वाहन चलाने वाले थे, जबकि 13,716 (29.4 फीसदी) पीछे बैठे हुए यात्री थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कुल दुर्घटनाओं में से 21.2 फीसदी दुर्घटनाएं पीछे से टक्कर लगने के कारण हुई जिसमे सभी दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या का 18.6 फीसदी की मौत हो गई। इसके बाद आमने-सामने की टक्कर के 18.5 फीसदी हादसे हुए और इन हादसों में 17.7 फीसदी लोगों की मौत हो गई।

2021 के दौरान, कुल दुर्घटनाओं का 13.7 फीसदी लर्नर लाइसेंस वाले और बिना वैध लाइसेंस वाले ड्राइवरों के कारण हुए। वैध ड्राइविंग लाइसेंस के बिना चालकों से जुड़े दुर्घटना के मामलों की संख्या 2020 में जो 34,854 थी वो 2021 में बढ़कर 37,182 हो गई है, जिसमें पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।

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Road Accident

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कहां पर कितने हादसे?

28 दिसंबर को जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों (Highway) पर 1,28,825 हादसे हुए जिसमे 56,007 लोगों की मौत हो गई और 1,17,765 लोगों को चोटें आई। वहीं, राज्य राजमार्गों पर हुए 96,382 हादसों में 37,963 लोगों की मौत हो गई और 92,583 लोग घायल हुए। राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के अलावा अन्य मार्गों पर हुए 1,87,225 हादसों में 60,002 लोगों की मौत हो गई और 1,74,100 लोग घायल हुए।

क्या है राज्यों की स्थिति?

मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में 2021 में दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली सबसे ज्यादा मौतों के बावजूद दुर्घटना की गंभीरता दर अखिल भारतीय औसत से कम दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में हुई दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों की संख्या में राज्यों में शीर्ष पर हैं, इन राज्यों की दुर्घटनाओं की गंभीरता दर भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

मिजोरम में हुए प्रत्येक 100 सड़क हादसों में से 81 में लोगों की जान गई तो वहीं, बिहार में हुए प्रत्येक 100 सड़क हादसों में 80 में लोगों की मौत दर्ज की गई।

क्या कदम उठा रही है सरकार?

सड़क हादसों को रोकने के लिए रिपोर्ट में बताया गया है कि मंत्रालय ने “सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए सड़क सुरक्षा की हिमायत और पुरस्कारों के लिए वित्तीय सहायता का अनुदान” योजना शुरू की गई है। इसके साथ ही कहा गया है कि वाहन इंजीनियरिंग में सुधार के साथ-साथ कुशल सड़क सुरक्षा उपाय करने में भी एक प्रमुख भूमिका सरकार द्वारा निभाई जा रही है। रिपोर्ट मे इस बात को लेकर विशेष तौर पर उल्लेख किया गया है कि सरकार ने अनहोनी से बचाने के लिए वाहनों के क्रैश सेफ्टी मानदंड संशोधित किए हैं।

क्या है रिपोर्ट जारी करने का मकसद?

मंक्षालय ने बताया कि रिपोर्ट जारी करने के पिछे का मकसद भारत में सड़क दुर्घटनाओं का गहन विश्लेषण और अवलोकन प्रस्तुत करना है। इस रिपोर्ट में दिए गए सड़क दुर्घटनाओं पर डेटा और विश्लेषण से जागरूकता पैदा करने, उपयुक्त नीति बनाने, प्रभावी उपाय करने और सड़क सुरक्षा (Road Safety) के क्षेत्र में प्रभावी निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी।

मंत्रालय को उम्मीद है कि सड़क दुर्घटनाओं पर जारी की गई ये रिपोर्ट, डेटा (Data) और इस रिपोर्ट में निहित बुनियादी विश्लेषण प्रशासकों, नीति निर्माताओं, नागरिक समाज संगठनों के साथ-साथ सड़क सुरक्षा के मुद्दों के विश्लेषण में शोधकर्ताओं के लिए काफी उपयोगी होगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए उचित नीतिगत फैसले किए जा सकेंगे जिससे संभवत: सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकेगी।

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