राम मंदिर का शिगूफा आजकल फिर से सुर्ख़ियों में है। पिछले दिनों मंदिर के लिए लाल पत्थर गिरने के ख़बरों के बाद अब मंदिर निर्माण के लिए संतों के आंदोलन की खबर आ रही है। सीतापुर स्थित नारदानन्द आश्रम के प्रमुख स्वामी विद्या चैतन्य महाराज की माने तो अगले सप्ताह पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा के बाद विभिन्न अखाड़ों के संत आश्रम में जुटेंगे और एकत्र होकर मंदिर निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे।

स्वामी चैतन्य महाराज ने बताया कि गुरु पूर्णिमा आगामी नौ जुलाई को है और उसी दिन उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के विभिन्न अखाड़ों के संत आश्रम में एकत्र होंगे और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के रास्तों के बारे में विचार-विमर्श करेंगे। गुरु पूर्णिमा की रस्में पूरी करने के बाद वह मंदिर निर्माण के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से एक विशेष रथ से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड के विभिन्न आश्रमों का दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान मंदिर निर्माण के लिये ना सिर्फ संतों का बल्कि आम लोगों का भी सहयोग जुटाया जायेगा। करीब डेढ़ महीने तक दौरा करने के बाद वह आश्रम लौटेंगे और मंदिर निर्माण का अंतिम खाका तैयार किया जाएगा।

स्वामी चैतन्य महाराज ने गत 27 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा हमें विश्वास है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वर्ष 2019 से काफी पहले शुरू होगा। चैतन्य महाराज ने बताया कि हिंदुत्व समाज के दशकों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण सपना देख रहे हैं। लेकिन प्रदेश में गैर बीजेपी सरकार होने के चलते यह सपना सच नहीं हो सका। लेकिन अब इस सपने को सच करने का समय आ गया है, अब आयोध्या में राम मंदिर बनकर ही रहेगा।

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