भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) का कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-6A से संपर्क टूट गया है। रविवार को ISRO की आधिकारिक वेबसाइट ने इसकी पुष्टि की है।

ISRO ने एक बयान में कहा है कि 31 मार्च की सुबह द्रव अपोगी मोटर (एलएएम) ने करीब 53 मिनट चल कर GSAT-6A को दूसरी कक्षा तक सफलतापूर्वक पहुंचाया। अंतरिक्ष एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है, सैटेलाइट को एक अप्रैल को तीसरी और अंतिम बार इंजन की मदद से अपने अंतिम लक्ष्य पर पहुंचना था और फिर कक्षा में चक्कर लगाना था, लेकिन उससे हमारा संपर्क टूट गया।

GSAT-6A के बारे में आखिरी अपडेट 30 मार्च को सुबह 9:22 मिनट पर मिला था, जब इसने पहली कक्षा को पार किया। अभियान से जुड़े लोगों ने कहा कि सैटेलाइट ने दूसरी कक्षा को भी सामान्य तरीके से पार कर लिया लेकिन इसके तुरंत बाद ही कुछ परेशानी सामने आई। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद सैटेलाइट में कोई तकनीकी खराबी आ गई है।

मामले से जुड़े ISRO के लोगों ने कहा कि सैटेलाइट में कोई गंभीर खराबी आ गई है। उन्होंने कहा, ‘वैज्ञानिक और इंजीनियर दिन-रात इसी खामी को दूर करने में जुटे हुए हैं। सैटेलाइट के पावर सिस्टम में कुछ दिक्कतें पेश आई हैं।’ हालांकि इसरो के शीर्ष अधिकारियों की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि आखिर सैटेलाइट में क्या गड़बड़ी आई है और क्या इसे सुधार लिया गया है।

गौरतलब है कि भारत के संचार सैटेलाइट GSAT-6A को अंतरिक्ष में ले जाने वाले भारतीय रॉकेट का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से गुरुवार (29 मार्च) की शाम सफल परीक्षण किया गया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के अनुसार, उल्टी गिनती बुधवार (28 मार्च) दोपहर 1: 56 बजे शुरू हुई थी। इस दौरान रॉकेट में ईंधन भरा गया और इसकी प्रणालियों की जांच की गई।‘

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