वायु प्रदूषण से जितना खतरा इंसान को हो रहा है उतना ही वायु प्रदूषण पेड़-पौधों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है, वायु प्रदूषण से इंसानो के साथ-साथ पेड़ भी बीमार पड़ रहे हैं। यूरोप के वैज्ञानिकों ने कहा है कि वायु प्रदूषण से इंसान ही नहीं बल्कि पेड़-पौधे भी गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं। फैक्ट्ररियों, डीजल इंजन आदि से निकलने वाले प्रदूषित वायु से पेड़ों को आवश्यक पोषक तत्व देने वाले माइकोरहिजल फंगी (फफूंद) खत्म हो रहे हैं।

ब्रिटेन के इंपिरियल कॉलेज और कीव गार्डन के वैज्ञानिकों ने 20 यूरोपीय देशों के 137 जंगलों से मिट्टी के 13 हजार नमूनों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला है। अध्ययन में ब्रिटेन और यूरोप में पेड़ों को कई तरह की बीमारियों के गिरफ्त में आने की पुष्टि हुई है। वायु प्रदूषण के कारण पेड़ों को आवश्यक पोषक तत्व देने वाले फंगी तो मर ही रहे हैं, उनकी पत्तियों का रंग बदल रहा है और पत्तियां भी कम आ रही हैं।

अधययन के अनुसार पेड़ों के जड़ भोजन के लिए मुख्य रूप से फंगी पर निर्भर रहते हैं जिनसे उन्हें नाइट्रोजन, फासफोरस और पोटेशियम मिलता है। फंगी को बदले में पेड़ से उन्हें कार्बन मिलता है और इस तरह दोनों का काम चलता है लेकिन वायु प्रदूषण के कारण फंगी मर रहे हैं जिससे पेड़ की जड़ें कमजोर हो रही हैं। वैज्ञानिकों ने वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए कड़े कानूनी कदम उठाये जाने पर जोर दिया है।

वैज्ञानिकों की टीम के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण पेड़ बीमार हो रहे हैं और यह स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गयी है। जंगल में पेड़ विनाशकारी कीटों और गंभीर बीमारियों के संपर्क में आ रहे हैं और यह हालात जलवायु परिवर्तन के लिए उत्तरदायी है।

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