Sharad Yadav: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को राष्ट्रीय राजधानी में उनके कब्जे वाले सरकारी बंगले को खाली करने का आदेश दिया। बता दें कि यादव को 2017 में राज्यसभा में सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ के अनुसार, यादव को राज्यसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए चार साल से अधिक समय हो गया है और उनके लिए सरकारी आवास बनाए रखने का कोई आधार नहीं है।
Sharad Yadav को दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने Sharad Yadav को 15 दिनों के भीतर बंगला खाली करने का निर्देश दिया है। बता दें कि हाईकोर्ट का यह आदेश केंद्र द्वारा मामले में याचिका दाखिल करने के हफ्तों बाद आया है। सरकार द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि शरद यादव 2017 में सांसद नहीं रहे, लेकिन अभी भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं।
दिल्ली HC ने यह भी बताया कि वह 15 दिसंबर, 2017 को एकल न्यायाधीश की पीठ द्वारा पारित अंतरिम आदेश को जारी रखने के लिए इच्छुक नहीं है। इस आदेश में कहा गया था कि Sharad Yadav को बंगले के उपयोग सहित एक सांसद की आधिकारिक सुविधाओं का लाभ उठाने की अनुमति है।
हालांकि, 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से संशोधित किया, जिसमें कहा गया कि यादव अपने आधिकारिक आवास का उपयोग जारी रख सकते हैं, लेकिन एक सांसद को दिए जाने वाले वेतन और अन्य लाभों के हकदार नहीं होंगे।
2017 में, शरद यादव ने राज्यसभा के सभापति के आदेश को इस आधार पर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी कि उन्हें सदन में अपने विचार प्रस्तुत करने का कोई मौका नहीं दिया गया। यादव 2017 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होने वाला था।
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