ShivSena Crisis: शिवसेना के उद्धव गुट को राहत! निष्‍कर्ष नहीं निकलने पर Supreme Court ने सुनवाई टाली

ShivSena Crisis: CJI ने उद्धव गुट के वकील सिब्बल से पूछा कि यह राजनीतिक पार्टी की मान्यता से जुड़ा मामला है। इसमें हम कैसे दखल दे सकते हैं। मामला चुनाव आयोग में भी विचाराधीन है।

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Shivsena VS Shinde
Shivsena VS Shinde

ShivSena Crisis: शिवसेना पर अधिकार को लेकर चल रहे मामले की सुनवाई गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई।सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से तीखी बहस हुई। हालांकि, इन दलीलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट से कुछ मुश्किल सवाल भी किए। कोई निष्कर्ष नहीं निकलने की वजह से आज की सुनवाई भी टाल दी गई।इस दौरान

शिंदे गुट की ओर से पेश वकील साल्वे ने अयोग्यता को लेकर स्पीकर के अधिकार और उनकी प्रक्रिया को पूरा करने के तरीके पर कई बिंदु कोर्ट के सामने रखे।साल्वे उन पर विस्तृत सुनवाई की मांग भी उठाई।

साल्वे ने कहा कि स्पीकर को अयोग्यता के मामले पर एक महीने, दो महीने, तीन महीने लगते हैं, लेकिन क्या अयोग्य विधायक काम करना बंद कर देते हैं? साल्वे ने कहा अगर कोई भ्रष्ट आचरण से कोई सदन में चुना जाता है और जब तक वो अयोग्य घोषित नहीं होता तब तक उसके द्वारा की गई करवाई कानूनी होती है।

ShivSena Crisis
ShivSena Crisis Hearing in Supreme Court

ShivSena Crisis: शिंदे गुट के वकील ने कहा-राजनीतिक दल को नहीं किया जा सकता नजरअंदाज

ऐसे में केवल सदस्य अयोग्य माना जाएगा न की उसके द्वारा किया गया वोट।CJI ने कहा कि सिर्फ दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता।साल्वे ने कहा जब तक उनके चुनाव रद्द नहीं हो जाते, तब तक सभी कार्रवाई कानूनी है। दलबदल विरोधी कानून असहमति विरोधी कानून है।CJI ने पूछा कि क्या आप हमें इस पर कोई उदाहरण दे सकते हैं?
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए खतरा होगा।

ShivSena Crisis: Supreme Court ने कहा मामला चुनाव आयोग में भी विचाराधीन

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ShivSena Crisis Hearing in Supreme Court

CJI ने कहा जब आप कोर्ट आये थे तब हमने कहा था कि स्पीकर ही अयोग्यता मामले का निपटारा करेंगे न की सुप्रीम कोर्ट न ही हाईकोर्ट।उन्होंने कहा कि संविधान पीठ के समक्ष जो सवाल हों उनपर विचार कर रहे हैं।CJI ने उद्धव गुट के वकील सिब्बल से पूछा कि यह राजनीतिक पार्टी की मान्यता से जुड़ा मामला है। इसमें हम कैसे दखल दे सकते हैं। मामला चुनाव आयोग में भी विचाराधीन है।

सिब्बल ने कहा कि मान लीजिये EC इस मामले में एक फैसला देता है और अयोग्यता पर फैसला आता है तो फिर क्या होगा?उन्होंने कहा कि 30-40 विधायक किसी भी राजनीतिक पार्टी के यह कह सकते हैं कि वो ही असली पार्टी है।सिंघवी ने कहा की पहले अयोग्यता पर फैसला आना चाहिए।

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