आज के 18 महीने पहले कोरोना ने जन्म लिया था। तब से लेकर अब तक लोग इस वायरस के साथ रहने को मजबूर हैं। कोरोना की अभी तक कोई दवा नहीं बनी है। यह कब खत्म होगा कैसे खत्म होगा किसी को कोई जानकारी नहीं। घटते बढ़ते केस को ध्यान में रखते हुए लॉक-अनलॉक किया जा रहा है। पर कई देश इस फॉर्मूले को पीछे छोड़ चुके हैं। अधिकतर देशों ने न्यू नॉर्मल वाला फॉर्मूला अपना लिया है।
यहां पर बात हो रही हैं कोरोना से सबसे बेहतर तरीके से निपटने वाले देश सिंगापुर की, देश ने अब अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव करने की घोषणा कर दी है। सिंगापुर अब कोविड-19 को एक नॉर्मल फ्लू यानी सर्दी-जुकाम की तरह मानकर बर्ताव करेगा।
दरअसल स्ट्रेट्स टाइम्स के एक संपादकीय में एक रिपोर्ट प्रकाशित हई जिसमें सिंगापुर के व्यापार मंत्री गान किम योंग, वित्त मंत्री लॉरेंस वोंग और स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने बताया कि देश को न्यू नॉर्मल वाले फॉर्मूले की तरफ बढ़ना होगा।
सिंगापुर में अब कोविड नीति कुछ इस तरह होगी।
- जीरो ट्रांसमिशन के लक्ष्य का पीछा नहीं करेंगे।
- यात्रियों के लिए क्वारंटनी पॉलीसि जरुरी नही।
- संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को घर में कैद रहने की जरुरत नहीं।
- कोरोना संक्रमितों के आंकड़े अब पेश नहीं किए जाएंगे।
- गंभीर रुप से बीमार मरीजों को ही मॉनिटर किया जाएगा।
- बड़े इवेट्स और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर पाबंदी पूरी तरह खत्म।
- अगस्त तक सिंगापुर की दो तिहाई आबादी को किया जाएगा वैक्सीनेट
सिंगापुर की कोविड-19 मल्टी मिनिस्ट्री टास्क फोर्स में शामिल तीनों मंत्रियों ने लिखा है कि हर साल बहुत से लोगों को फ्लू होता है। इसमें से बड़ी आबादी बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि हम इस बीमारी को खत्म नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम इसे कम खतरनाक बीमारी इंफ्लुएंजा या चिकनपॉक्स जैसी बीमारी में बदल सकते हैं। इसके बाद इसके साथ जीना सीख सकते हैं।
सिंगापुर की तरह ही कई दूसरे देशों ने भी अपने बॉर्डर खोलने शुरू कर दिए हैं। भारत में भी लगभग सभी राज्यों ने लॉकडाउन हटा लिया है। रोजाना करीब 35 हजार नए मामलों के बीच लोग रोजमर्रा की जिंदगी जीना शुरू कर चुके हैं।
बता दें कि सिंगापुर की इस नई नीति को कई देश अपने देश में लागू कर रहे हैं। इसमे बहरीन, मालदीव, थाईलैंड, रुस, आइसलैंड, इजिप्ट, अफगानिस्तान, मॉरीशस, सेशेल्स, ग्रीस, ऑस्ट्रिया शामिल हैं।