देश के पत्रकारों के एक समूह ने मंगलवार (26 दिसंबर) को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। याचिका पिछले महीने मुम्बई में एक विशेष CBI  अदालत के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई है जिसमें सोहराबुद्दीन शेख फर्ज़ी मुठभेड़ मामले में चल रहे मुकदमे की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी गई। बॉम्बे हाईकोर्ट 12 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेगा।

याचिकाकर्ताओं में अख़बार, वेबसाइट और टीवी के पत्रकार शामिल हैं। याचिका में इनकी तरफ से CBI अदालत के इस आदेश को अवैध बताते हुए खारिज करने की मांग की गई है और इसे पत्रकारों के लिए उनके कर्तव्यों के निर्वहन में रोड़ा बताया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस मामले में जनहित से जुडे कई तत्व हैं और लोगों को यह जानने का अधिकार है कि ट्रायल में क्या हो रहा है।

दरअसल 29 नवंबर को मुम्बई की एक विशेष CBI अदालत ने, जो सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई कर रही है ने मीडिया को इस मामले की कार्यवाही की रिपोर्टिंग से रोक दिया था और कहा था कि अगले आदेश तक यह रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने यह रोक बचाव पक्ष की अपील के बाद लागई थी। बचाव पक्ष का कहना था कि मुकदमें की जानकारी छापने से अभियोजन पक्ष के वकील, आरोपी और बचाव पक्ष की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। यह भी कहा गया कि मामले में गलत रिपोर्टिंग के उदाहरण भी सामने आए हैं। इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सभी पत्रकारों को एक ही ढांचे में डालकर नहीं देखा जा सकता और केवल इस संभावना के आधार पर रिपोर्टिंग को रोका नहीं जा सकता कि कुछ पत्रकार शायद कुछ गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग करेंगे।

बता दें कि नवंबर 2005 में गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीदास प्रजापति की कथित फर्जी मुठभेड़ करने के मामले में कुल 23 अभियुक्त मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

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