द आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर राम मंदिर मामले में मध्यस्थता करने को तैयार हैं। यह जानकारी खुद उन्होंने दी। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वो इस विवादित मसले के हल निकालने में मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर राम मंदिर के कई पक्षधरों ने उनसे संपर्क भी किया है।

बता दें कि इस मामले में हाल ही में सुनवाई करते हुए  सुप्रीम कोर्ट कहा था कि, इस मसले का हल कोर्ट के बाहर आपसी सहमति से सुलझा लिया जाना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि अगर मध्यस्थता में कोर्ट की जरूरत पड़ी तो ऐसे में कोर्ट भी मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। दरअसल कोर्ट का मानना है कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है।

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श्री श्री ने बताया कि इस वक्त राम मंदिर का निष्कर्ष निकालने का माहौल बेहद ही सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि, इससे पहले 2003-2004 में भी अदालत से बाहर कई समाधान निकालने के प्रयास किए गए थे। बता दें कि श्री श्री रविशंकर निर्मोही आखाड़े के आचार्य राम दास से भी लगातार संपर्क में हैं।

श्री श्री ने कहा कि कोई निष्कर्ष निकालना बहुत जल्दबाजी होगी। सरकार की ओर ऐसी किसी चर्चा की पहल नहीं की गई है। श्री श्री रविशंकर ने कहा कि मैं यह अपने स्तर पर कर रहा हूं और इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘एक ऐसे मंच की जरूरत है, जहां दोनों समुदाय के लोग अपने बीच का भाईचारा दिखा सकें।

श्री श्री ने 2019 से पहले राम मंदिर मामले को सुलझाने को लेकर कहा कि, ‘मैं अभी कुछ अनुमान नहीं लगा सकता, लेकिन मैं केवल यह इच्छा जाहिर कर सकता हूं कि दोनों समुदाय साथ आएं और इस देश के लिए कुछ महान कार्य करें।’

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