कहते हैं महिलाओं के पास दिमाग नहीं होता है, उनसे कहां बिजनेस होगा। इसी सोच ने डिक्शनरी में सिर्फ बिजनेसमैन को जन्म दिया। वीमेन को तो भूला दिया गया। सोच तो यह भी है कि, महिलाएं घर संभालने के अलावा कुछ नहीं कर सकती हैं लेकिन देश में हजारों ऐसी महिलाएं हैं जो घर के साथ साथ अपना बिजनेस भी कर रही हैं। साथ ही बिजनेसमैन की रेस अब बिजनेस वीमेन भी शामिल हो रही हैं। इसी तरह की कहानियों को स्टैंडअप इंडिया के जरिए एपीएन के दर्शकों के लिए लाया है।

आज यहां हम बात कर रहे हैं दो ऐसी महिलाओं की जिन्होंने आपदा को अवसर में बदल दिया है। चंचल बड़सीवाल Chanchal, Bringing Art to Life  की फाउंडर हैं। दूसरी महिला हैं, स्वाति चतरथ, स्वाती Medical Warehouse की सीईओ हैं। ये महिलाएं नोटबंदी और कोरोना काल में भी इतिहास रच रही हैं। अपने बिजनेस को नई उचाईयों तक लेकर जा रही हैं।

चंचल बड़सीवाल

https://www.youtube.com/watch?v=SX8UIT_IbUo

दिल्ली की रहने वाली चंचल बड़सीवाल फैशन की दुनिया में नई क्रांति ला रही हैं। ये भारतीय परिधान को पश्चिमी चलन के साथ मिलाकर एक नया ट्रेंड सेट कर रही हैं। साल 2015 में मिस चंचल ने Chanchal, Bringing Art to Life  नाम की एक कंपनी खोली, यहीं से शुरूआत हुई एक नई क्रांति। इस कंपनी के साथ देशभर में कुशल कारीगर जुड़े हुए हैं। कंपनी हैंड मेड बैग, गहने, साडी से लेकर कई चीजे बनाती है। इसकी खास बात यह है कि, पूरी तरह से प्राकृतिक होता है और इसे बनाने में भारतीय सामान का इस्तेमाल किया जाता है।

चंचल बताती हैं इन्हें यात्रा करने का काफी शौक है। इसी शौक ने चंचल को आज बिजनेसवुमेन बना दिया है। दरअसल जब ये देश के हिस्सों में छोटे – छोटे गांव में जाकर यात्रा का लुत्फ उठाती तो उसी समय कई कुशल कारीगरों से मुलाकात हुई जिनका हुनर बस गांव तक ही सिमीत है। इस हुनर को चंचल ने बिजनेस में बदल दिया है। इनके ब्रांड के दीवाने विदेश में भी हैं।

दिलचस्प बात यह है कि, कोरोना काल, नोटबंदी के बाद भी यह महिला अपने बिजनेस के साथ नई किताब लिख रही हैं। साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रही हैं।

स्वाती चतरथ

https://www.youtube.com/watch?v=7Q81tSYSi6c

Medical Warehouse के नाम से कंपनी चलाने वाली स्वाति ने इसकी शुरूआत कोरोना की पहली लहर में की थी जब देश में लॉकडाउन के कारण लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी सामान नहीं मिल रहा था। उस सयम स्वाति ने सोचा क्यों ना इसे बिजनेस में बदल दिया जाए। अपने आइडिया को इन्होंने जमीन पर उतारा और कामयाब भी रहीं, स्वाती मेडिकल से जुड़ी चीजों को डायरेक्ट कंपनी से खरीद कर लोगों तक पहुंचाती हैं। कम से कम 10 हजार समान को स्वाति ऑनलाइन सेल करती हैं।

बता दें कि, देशभर में कोरोना काल के वजह से नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन चल रहा है इसका सीधा असर बड़े और छोटे उद्योगों पर पड़ रहा है। छोटे उद्योगों की तो कमर ही टूट गई है। ऐसे माहौल में महिलाएं कमाल कर रही हैं।

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