उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का सुप्रीम कोर्ट का जज बनना लगभग तय हो गया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की दोबारा सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी है। इसके साथ ही कॉलेजियम ने कुछ और जजों के नाम भी पदोन्नति के लिए भेजे हैं।

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ और राज्य सरकार को बहाल करने का फैसला देने वाले उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट का जज बनने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट जज बनाए जाने की दोबारा सिफारिश कर दी है। 16 जुलाई को केंद्र को भेजी गयी इस सिफारिश में कहा गया है कि कानून मंत्री की ओर से 26 अप्रैल और 28 अप्रैल को प्रधान न्यायाधीश को भेजी गयी चिट्ठियों में नाम पर पुनर्विचार के सुझाव पर कॉलेजियम ने सावधानी पूर्वक विचार किया। इस मामले पर विचार करने के बाद कॉलेजियम अपनी सिफारिश दोबारा भेज रहा है क्योंकि जस्टिस के एम जोसेफ की योग्यता के खिलाफ कुछ भी नहीं पाया गया।

जस्टिस के एम जोसेफ का नाम कॉलेजियम ने इस साल 10 जनवरी को भेजा था। केंद्र ने जस्टिस जोसेफ के नाम पर यह कह कर आपत्ति जताई थी कि पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में केरल को पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्राप्त है। कॉलेजियम ने इसके अलावा मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश विनीत सरन के नाम की भी सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है।

सप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट की कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की है। कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ जज अनिरुद्ध बोस को झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की गई है।

वहीं गुवाहाटी हाई कोर्ट के जज और वर्तमान में केरल हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस ऋषिकेश रॉय के नाम की सिफारिश केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए की गई है।

इसके अलावा कॉलेजियम ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस वी के ताहिलरमानी के नाम की सिफारिश मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए की है क्योंकि कॉलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट की वर्तमान चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी के नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए की गई है।

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