Modi Surname Case में सूरत कोर्ट ने खारिज की राहुल की अर्जी, बीजेपी बोली- गांधी परिवार का घमंड टूटा

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Rahul Gandhi
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Modi Surname Case: सूरत की अदालत ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान ‘सभी मोदी चोर’वाली टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद गांधी की संसद सदस्यता भी चली गई। राहुल गांधी ने एक बार फिर से सजा पर सुनवाई के लिए अदालत में आवेदन दिया था जिसे अब खारिज कर दिया गया है। वहीं बीजेपी ने अब कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी की सजा पर रोक न लगाकर न्यायालय ने दिखा दिया है कि वो किसी के दबाव में नहीं आने वाला है।

कांग्रेस नेताओं ने की कोर्ट पर दवाब बनाने की कोशिश-बीजेपी

संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने जाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया और जिस तरह से ट्रायल कोर्ट पर ये दबाव बनाने की कोशिश की गई कि राहुल को साजिश के तहत सजा मिली, उसे अब झटका लग गया है। बीजेपी ने कहा कि कोर्ट के फैसले ने दिखा दिया है कि राहुल गांधी अदालत से ऊपर नहीं है और कोर्ट किसी के दबाव में आने वाला नहीं है।

sambit patra
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‘गांधी परिवार का टूटा घमंड’

भाजपा ने कहा कि इस फैसले से गांधी परिवार का घमंड भी टूट गया है। संबित पात्रा ने आगे कहा कि इस फैसले से ओबीसी समाज से खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि राहुल यह मान रहे थे कि वो इस समाज को गाली देकर भी बचकर निकल जाएंगे, लेकिन यह उनकी गलतफहमी थी।

इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि वे “कानून के तहत अभी भी हमारे लिए उपलब्ध सभी विकल्पों का लाभ उठाना जारी रखेंगे।”

बता दें कि गांधी को 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सूरत, एचएच वर्मा की अदालत ने दोषी ठहराया था और दो साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी। इसके तुरंत बाद गांधी को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

3 अप्रैल को, राहुल गांधी अपनी बहन और महासचिव प्रियंका गांधी के साथ सजा पर रोक लगाने के साथ-साथ सजा के निलंबन की मांग के लिए न्यायाधीश मोगेरा की अदालत में अपील दायर करने के लिए सूरत आए थे। गांधी का प्रतिनिधित्व सूरत के वकील किरीट पानवाला और सुप्रीम कोर्ट के वकील रंजीत चीमा ने किया था और उन्हें अपील की अवधि तक जमानत मिल गई थी।

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