एयर इंडिया विमान सेवा कंपनी जबरदस्त घाटे में चल रही है। ऐसे में सरकार कई दिनों से इस प्रयास में है कि इसका निजीकरण हो जाए। ऐसे में टाटा समूह ने सरकार को संकेत दिए हैं कि हो सके तो वह एयर इंडिया को खरीद लेगा। रिपोर्ट के अनुसार टाटा के चैयरमैन एन चंद्रशेखरन,उनके अधिकारियों और सरकार के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई है जिसमें टाटा ने एयर इंडिया के 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है । अगर सब कुछ सही रहा तो यह एअर इंडिया के लिए घर वापसी जैसी बात होगी क्योंकि यह कंपनी साल 1953 में राष्ट्रीयकरण होने से पहले टाटा के ही आधिपत्य में थी।

बता दें कि सरकार एयर इंडिया की वजह से करीब पिछले एक दशक से घाटे में चल रही है और वह एयर इंडिया को बेचने का विचार बना चुकी थी किंतु उनको कोई उचित खरीददार नहीं मिल रहा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कहा था  कि हम वो सारी संभावनाएं तलाश रहे हैं जिससे एयर इंडिया का निजीकरण हो सके। उन्होंने बताया था कि एयर इंडिया पर 52,000 करोड़ रूपए का भारी-भरकम कर्ज है।

बता दें कि साल 2013 में ही टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने एयर इंडिया को खरीदने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा था कि जब भी एयर इंडिया का निजीकरण होगा तो टाटा को इसके खरीद पर विचार करने में खुशी होगी। टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइंस के साथ पार्टनरशिप में  कंपनी एयर इंडिया को खरीदने की संभावनाएं खोज रही है।

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