कोरोना की दूसरी लहर भारत में तहलका मचा रही है। देश में आए दिन 4 हजार लोगों की मौत कोरोना के कारण हो रही है। इस लहर से उबरने में देश को काफी समय लगेगा। इसी बीच जानकारों का कहना है कि, भारत को कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए। वैज्ञानिकों का कहना है कि, तीसरी लहर आना तय है, इसकी तैयारी हमारी सरकार को पहले कर लेनी चाहिए। हालांकि यहां पर ये नहीं बताया गया है कि, कब तक देश में तीसरी लहर दस्तक देगी और कितनी खतरनाक होगी।

केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर विजय राघवन ने बुधवार को कहा कि दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर भी आएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा, “तीसरी लहर भी आएगी। लेकिन कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। कोरोनावायरस के वैरिएंट लगातार बदल रहे हैं, इसलिए हमें तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना होगा।” उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन प्रभावी है, लेकिन वैज्ञानिक इसको अपग्रेड करने पर भी काम कर रहे हैं।

तीसरी लहर आने पर क्या हो सकता है? इसके जवाब में मैथमैटिक मॉडल एक्सपर्ट प्रोफेसर एम. विद्यासागर कहते हैं, “दूसरी लहर में ही बड़ी आबादी संक्रमित हो रही है। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिनका टेस्ट नहीं हो रहा है या एसिम्प्टोमैटिक हैं, लेकिन वो संक्रमित हैं। ऐसे में जो संक्रमित हो रहे हैं, उनमें कम से कम 6 महीने तक वायरस के खिलाफ इम्युनिटी रहेगी. लेकिन उसके बाद इम्युनिटी कमजोर पड़ सकती है। इसलिए हमें वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी लानी होगी। 6 महीने के भीतर हाई रिस्क पॉपुलेशन को वैक्सीनेट करना होगा, ताकि तीसरी लहर दूसरी लहर जैसी भयावह ना हो।”

तीसरी लहर कब तक आ सकती है? इस बारे में बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर बाबू कहते हैं, “इसके ठंड में आने की आशंका है। नवंबर के आखिरी में या दिसंबर की शुरुआत में। इसलिए इस संक्रमण से जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने की जरूरत है।” डॉ. गिरिधर कर्नाटक में नेशनल कोविड टास्क फोर्स के मेंबर और एडवाइजर भी हैं। वो कहते हैं कि अगली लहर युवा आबादी को प्रभावित कर सकती है।

बता दें कि, देश की आबादी 132 करोड़ है इसमें से 15 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है वहीं कुल आबादी की बात करें तो 6 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन हुआ है। जानकारों का कहना है कि, जिस तरह से देश में टीकाकरण हो रहा है अगर इसी तरह होता रहा तो पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने में 10 साल से अधिक समय लग जाएगा। इस वायरस से बचने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र हल है।

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