ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले मे पीछले 7 दिनों से जेल में बंद दिशा रवि को राहत मिल गई है। दिशा को पटियाला हाउस कोर्ट से बेल मिल गई है। बेल के लिए इन्हें 1 लाख का मुचलका भरना होगा। कोर्ट के इस फैसले पर दिशा के वकील ने दलील पेश करते हुए कहा कि, परिवार इनती बड़ी रकम देने में असमर्थ है। बता दें कि, दिशा रवि की एक दिन की कस्टडी खत्म होने पर दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिशा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

ग्रेटा थनबर्ग टूल किट केस में आज दिल्ली पुलिस दिशा रवि, शांतनु और निकिता को आमने सामने बिठाकर पूछताछ कर रही थी। शांतनु और निकिता के साथ बिठाकर पूछताछ के लिए ही दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि का एक दिन की रिमांड पर लिया था। रिमांड खत्म होने पर पुलिस ने दिशा के कोर्ट में पेश किया जहां उन्हें बेल मिल गई।

इससे पहले सोमवार को दिल्ली पुलिस ने शांतनु और निकिता से करीब 7 घंटे तक पूछताछ की पुलिस ने दोनों को आमने-सामने बिठाकर क्रॉस क्वेश्चनिंग भी की। सूत्रों के मुताबिक, शांतनु और निकिता से सवाल उस टाइम लाइन से जुड़े थे, जो पुलिस को रवि दिशा से और अब तक कि जांच में पता चले थे।

आपको बता दें कि पर्यावरणविद दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि इसके पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश थी। पुलिस ने बताया कि 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ।

दिल्ली पुलिस का दावा है कि कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। अगर वो सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत मे कुछ चेहरों का सहारा लिया। दिशा रवि ने टूलकिट में एडिट किया है। इनका सहयोगी शान्तनु दिल्ली आया था और 20 से 27 तक दिल्ली में था।

खबर के अनुसार इस टूलकिट की मदद से ग्रेटा भारत का नाम बदनाम करना चहाती हैं। वे भारत में दंगा कराना चाहती हैं। टूलकिट को लेकर दिल्ली पुलिस जांच कर रही थी, जिसमें भारत में पर्यावरण के लिए काम करने वाली कार्यकर्ता दिशा रवि का नाम सामने आया था।

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