Uma Bharti पहले बोलीं, “Bureaucracy क्या है, वो तो हमारे चप्पल उठाती है”, अब कहा कि…

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Uma Bharti
Uma Bharti शराबबंदी को लेकर अपनी ही पार्टी से दिखी नाराज

उमा भारती (Uma Bharti) ने नौकरशाही (Bureaucracy) पर दिए गए अपने विवादित बयान पर माफी मांगी है। उन्होंने Bureaucracy को नेताओं का चप्पल उठाने वाला कहा था। अब इस मसले को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) द्वारा उठाए जाने के बाद उन्होंने पत्र लिख माफी मांगी है। उन्होंने एक पत्र दिग्विजय सिंह को भी भेजा है।

Uma Bharti ने लिखा पत्र

बता दें कि, भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की वरिष्ठ नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister of Madhya Pradesh) ने नौकरशाही (Bureaucracy) को नेताओं का नौकर बताया था। उन्होंने कहा था कि Bureaucracy चप्पल उठाने वाली होती है। उनकी कोई औकात नहीं होती है। हम उन्हें तनख्वाह देते हैं। नेताओं से बात करने के बाद ही Bureaucracy फाइल तैयार करती है।

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अपने पूरे बयान मे उमा ने कहा था कि, “ ब्यूरोक्रेसी कुछ नही होती, चप्पल उठाने वाली होती है। चप्पल उठाती है हमारी। हम लोग ही राजी हो जाते हैं उसके लिए। उन्होंने कहा कि आपको क्या लगता है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है? नहीं-नहीं, अकेले में बात हो जाती है पहले, फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है। हमसे पूछिए 11 साल केंद्र में मंत्री रहे हैं, मुख्यमंत्री रहे हैं। पहले हमसे बात होती है, डिस्कशन होता है, फिर फाइल प्रोसेस होती है।

शनिवार को ओबीसी महासभा का प्रतिनिधिमंडल पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती से मिलने भोपाल स्थित उनके बंगले पहुंचा था। इसी दौरान प्रतिनिधीमंडल से बात करते हुए उमा भारती ने नौकरशाही को लेकर विवादित बयान दे दिया था।

उमा भारती का वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दल उनकी काफी आलोचना कर रहे थे। दिग्विजय सिंह ने इस मसले पर ट्वीट भी किया था उन्होंने लिखा था कि, “ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, वो तो हमारे चप्पल उठाती है, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का विवादित बयान उमा आप मेरी छोटी बहन के नाते मुझे कम बोलने के लिए चेताती रही हैं। लेकिन आपने नौकरशाहों के ख़िलाफ़ जो अपशब्दों का उपयोग किया है वे घोर आपत्तिजनक हैं।”

ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने Uma Bharti से की मुलाकात

बता दें कि 19 सितंबर को प्रतिनिधमंडल ने ओबीसी की जातिगत जनगणना एवं निजीकरण में आरक्षण को लेकर उमा भारती को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था। ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी थी कि मध्य प्रदेश सरकार को ओबीसी महासभा की मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा अन्यथा ओबीसी महासभा सड़कों पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक, और मंत्रियों का पुरजोर विरोध करेगी। इस दौरान ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली।

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