UNESCO: UNESCO ने Kolkata की दुर्गा पूजा को Intangible Heritage की सूची में जोड़ा

0
499
UNESCO declares Durgapuja Intangible heritage
UNESCO declares Durgapuja Intangible heritage

भारत में मनाए जाने वाले पर्व दुर्गा पूजा को UNESCO ने अपनी ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ (Intangible Cultural Heritage-ICH) सूची में शामिल कर लिया है। भारत के पर्व और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मान्यता मिलने लगी है। प्रधानमंत्री Narendra Modi ने UNESCO के इस फैसले की सराहना की और इसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व और उल्लास का विषय बताया।

Durga puja Intangible heritage
Durga puja Intangible heritage

UNESCO ने कहा, दुर्गा पूजा के समय खत्म होता है जातीय विभाजन

UNESCO ने अपनी Site पर Kolkata की दुर्गा पूजा के लिए लिखा, ‘दुर्गा पूजा को धर्म और कला के Public performance के सबसे अच्छे उदाहरण के साथ-साथ सहयोगी कलाकारों और डिजाइनरों के लिए एक बड़े मौके के रूप में देखा जाता है। साथ ही UNESCO ने लिखा, ‘दुर्गा पूजा के दौरान, वर्ग, धर्म और जाति का विभाजन पूरी तरह से खत्म हो जाता है। यह त्योहार शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रतिष्ठानों और मंडपों के साथ-साथ पारंपरिक पूजा की विशेषता को दर्शाता है।

पूरे देश में हर साल 36,946 सामुदायिक जगहों पर दुर्गा पूजा पंडाल का आयोजन किया जाता है, जिसमें से करीब 2,500 दुर्गा पूजा पंडाल कोलकाता में आयोजित किए जाते हैं।

durga 2

क्या है अमूर्त संस्कृति ?

अमूर्त संस्कृति किसी समुदाय, राष्ट्र आदि की वह प्रक्रिया है जो सदियों से एक समुदाय या राष्ट्र के चेतन को प्रभावित करते हुए समृद्ध होती रहती है। अमूर्त संस्कृति समय के साथ अपनी पीढि़यों की विशेषताओं को अपने आप में समेटे हुए मौजूदा पीढ़ी के लिये विरासत के रूप में उपलब्ध होती है। 

UNESCO में शामिल भारत की 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत

भारत में UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 38 मूर्त विरासत धरोहर स्थल हैं जिसमें 30 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित धरोहर हैं और 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें हैं। 

UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में वैदिक जप की परंपरा; रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन; कुटियाट्टम; राममन; मुदियेट्टू; कालबेलिया लोक गीत और राजस्थान का नृत्य; छऊ नृत्य; लद्दाख का बौद्ध जप; मणिपुर का संकीर्तन, पारंपरिक गायन, नगाडे और नृत्य; पंजाब के लोहारों द्वारा बनाए जाने वाले पीतल और तांबे के बर्तन; योग; नवरोज; कुंभ मेला और दुर्गा पूजा शामिल हैं।

UNESCO के फैसले पर देश ने जताई खुशी

UNESCO ने अपने ट्विटर पर मां दुर्गा की एक फोटो के साथ ट्वीट भी किया है। UNESCO ने लिखा, कोलकाता में दुर्गा पूजा को अभी #IntangibleHeritage सूची में अंकित किया गया है। बधाई हो।

UNESCO के इस फैसले पर प्रधानमंत्री Narendra Modi  ने खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट में लिखा, “हर भारतीय के लिए बड़े गर्व और खुशी की बात। दुर्गा पूजा हमारी सर्वोत्तम परंपराओं और प्रकृति को उजागर करती है और कोलकाता की दुर्गा पूजा एक ऐसा अनुभव है जो हर किसी के पास होना चाहिए।

गृहमंत्री Amit Shah ने ट्वीट किया, “शुभ दुर्गा पूजा भारत की शानदार सांस्कृतिक विरासत और एकता की भावना को दर्शाती है। यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि इस प्रतिष्ठित त्योहार को यूनेस्को की #IntangibleHeritage सूची में अंकित किया गया है। हर भारतीय को बहुत गर्व है।

भारत के संस्कृति मंत्री G. Kishan Reddy ने ट्विटर पर लिखा, “कोलकाता की दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है। यह हमारी समृद्ध विरासत, संस्कृति, रीति-रिवाजों, प्रथाओं के संगम और स्त्री देवत्व और नारीत्व की भावना के उत्सव की मान्यता है। जय माँ दुर्गा !

वहीं कोलकाता की सीएम Mamata Banerjee ने भी अपने ट्वीट में लिखा, “बंगाल के लिए गर्व का क्षण! दुनिया भर में हर बंगाली के लिए, दुर्गा पूजा एक त्योहार से कहीं अधिक है, यह एक भावना है जो सभी को एकजुट करती है। और अब, DurgaPuja को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में जोड़ा गया है। हम सब खुशी से झूम रहे हैं!

UNESCO New Delhi ने ट्वीट किया, “बधाई हो, DurgaPuja अब मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की UNESCO प्रतिनिधि सूची में अंकित है। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए भारत के 14 ICH तत्वों को इस सूची में अंकित किया गया है।

यह भी पढ़ें:

कैसे बना Bangladesh, क्या थी Mukti Bahini, भारत क्यों मनाता है Vijay Diwas, जानिए सब कुछ यहां…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here