योगी सरकार ने अपना दूसरा बजट पेश किया। इसमें यूपी की जनता के लिए कई सौगातें है। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही योगी सरकार ने किसानों और युवाओं पर खासा ध्यान दिया है। बता दें कि देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश का वर्ष 2018-19 का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश कर दिया गया। योगी सरकार के इस बजट में आगामी लोकसभा चुनाव की छाप साफ नजर आई। विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने घोषणा करते हुए कहा कि इस बजट में किसानों और प्रदेश में रहने वाले बेरोजगार युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ का बजट पेश किया। यह पिछले साल की तुलना में 11.4 प्रतिशत ज्यादा है।

पिछले साल 3.84 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था। इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में बजट को अनुमोदन मिला। इस बैठक में बजट अनुमोदन के अलावा सात प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। बजट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे वित्तीय अनुसाशन वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि यह समग्र विकास वाला बजट है। किसानों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। वहीं राजेश अग्रवाल ने बजट पेश करते हुए पिछली सरकारों को घेरा। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि  ” वह और दर हैं, पुकारे से जो नहीं खुलते, हमारा प्यार ग़रीबो के द्वार जाता है।  बजट भाषण में सरकार ने राम के साथ-साथ श्री कृष्ण के 16 कलाओं के अवतार को याद किया। यूपी बजट 2018 उत्तर प्रदेश का अबतक का सबसे बड़ा बजट साबित होगा। यूपी के यह बजट किसान, उद्योग, निवेश, रोजगार, कानून व्यवस्था पर केंद्रित होगा।

बता दें कि बजट में 14,341.89 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शुरू की गईं। हजारों करोड़ रुपये की नई योजनाएं शुरू करके प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले विकास को तवज्जो देने की कोशिश की है।  प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के विकास क लिए 650 करोड़ का इंतज़ाम किया गया है। प्रदेश के सबसे ज्यादा सूखा प्रभावित क्षेत्रों में शामिल बुंदेलखंड में प्रदेश सरकार इस वित्त वर्ष में 5 हजार तालाब खुदवाएगी ताकि पानी का संकट खत्म हो। इसके अलावा 131 करोड़ रुपये सोलर पंप के लिये दिए गए हैं।  इसके अलावा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़ रुपये, ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नए आयुर्वैदिक अस्पताल खुलेंग,  सिंचाई सरयू नहर परियोजना के लिए 1 हजार 614 करोड़ रुपये मिले, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2 हजार 8 सौ 73 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए 1 हजार 500 करोड़ रुपये, राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित, कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क किताबों के लिए 76 करोड़ रुपये और यूनिफॉर्म के लिए 40 करोड़ रुपये।

बजट में 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है। राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद 29.8 प्रतिशत अनुमानित है। बजट में 27 हजार 99 करोड़ 10 लाख रुपए की राजस्व बचत अनुमानित है। सचिवालय की आंतरिक सुरक्षा के लिए 13.50 करोड़ रुपए, दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल कॉलेज के लिए 26 करोड़ और कुंभ मेला के लिए 1500 करोड़ रुपए। बता दें कि अब हर साल अयोध्या में दिवाली, बनारस में देव दीपावली और बरसाना में होली होगी। योगी ने सड़क, बिजली, पानी के साथ-साथ धार्मिक संदेश भी दिया।

इसके अलावा  नगरों में विकास के लिए 300 करोड़ रुपये,  स्मार्ट सिटी मिशन योजना के लिए 1650 करोड़ रुपये,  स्वच्छ भारत मिशन के लिए 1100 करोड़ रुपये,  अमृत योजना के लिए 2200 करोड़ रुपये, कान्हा गौशाला व बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 98 करोड़ 50 लाख रुपये मिले, अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2757 करोड़ रुपये रखे हैं। इसके अलावा मदरसों के आधुनिकीकरण पर 404 करोड़ रुपये और आलिया स्तर के मदरसों के लिए 246 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

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