महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में 9 जनवरी को आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। 26 मार्च को मुंबई के भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल में अवैध तरह से चल रहे सनराइज अस्पताल में आग लगने से 9 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। महाराष्ट्र के नासिक में ऑक्सीजन सिलेंडर लीक होने के कारण 24 लोगों की मौत हो गई थी। राज्य में कोरोना के कारण लोगों की मौत तो हो ही रही है लेकिन प्रशासन की लापरवाही के वजह से भी लोग अपनी जान गवां रहे हैं। अब खबर है कि, महाराष्ट्र के विरार में स्थित विजय वल्लभ अस्पताल में रात सवा तीन बजे शार्ट सर्किट के कारण आग लगी जिसमें अब तक 13 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है।

बता दे कि, जब भंडारा जिला अस्पताल में आग लगी थी उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट का आदेश दिया था लेकिन हालात में कुछ बदलाव नहीं हुआ है। आग से होने वाली घटना लगातार बढ़ती जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार विजय वल्लभ अस्पताल में शुक्रवार तड़के आग लगने से कोविड के 13 मरीजों की जलकर मौत हो गई। फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, अस्पताल के आईसीयू में 17 मरीजों का इलाज चल रहा था, सुबह सवा तीन बजे शार्ट सर्किट से आग लगी, साढ़े पांच बजे तक आग पर काबू पा लिया गया।

सभी कोरोना मरीजों को पास के अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। मौके पर पुलिस पहुंच कर जांच कर रही है। अभी तक अस्पताल प्रबंधन की तरफ से लापरवाही की कोई खबर सामने नहीं आई है। वहीं एक बार फिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच का आदेश दे दिया है।

इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार के मुआवजे का ऐलान किया गया है।

इससे पहले नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक होने से 24 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। ऑक्सीजन टैंक में लीकेज की वजह से अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप पड़ गई थी। इससे अस्पताल में भर्ती 24 मरीजों की मौत हो गई थी। ये मरीज वेंटिलेटर पर थे।

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