अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने बड़ा फैसला लिया है। वीएचपी ने राम मंदिर निर्माण अभियान को 2019 लोकसभा चुनाव के संपन्न होने तक रोकने का निर्णय किया है, क्योंकि वह नहीं चाहता है कि राम मंदिर मामला चुनावी मुद्दा बने। इलाहाबाद में विहिप की ओर से आयोजित धर्मसभा के कुछ दिनों बाद संगठन ने यह घोषणा की है.

बता दें कि कुंभ में धर्मसभा की बैठक में साधु-संतों ने प्रस्ताव पास कर कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तक वो चैन से नहीं बैठेंगे।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि वीएचपी ने फैसला किया है कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे अभियान को लोकसभा चुनाव तक नहीं चलाया जाएगा। हम नहीं चाहते हैं कि यह कोई चुनावी मुद्दा बने, क्योंकि राम मंदिर आस्था और पवित्रता से जुड़ा हुआ है।

सुरेंद्र जैन ने कहा कि अक्सर हमारे ऊपर आरोप लगते हैं किसी विशेष दल को राजनीतिक फायदा के लिए राम मंदिर निर्माण का अभियान चला रहे हैं। ऐसे में हम इसें किसी राजनीतिक दल-दल में इस मुद्दे को नहीं फंसाना चाहते हैं।

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़ा केस अदालत में 1950 से चल रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 30 सितंबर, 2010 में फैसला दिया था। हाई कोर्ट ने विवादित भूमि को तीनों पक्षों रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड में 2.77 एकड़ जमीन को बराबर बांटने का आदेश दिया था।

इसके बाद दोनों पक्षकारों ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, तब से ये मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में पांच जजों की बेंच इस पर सुनवाई कर रही है। हालांकि, अगली सुनवाई की तारीख तय नहीं हो सकी है।

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