दो दशक से विश्व के शक्तिशाली देश रूस का दिशा-निर्देश तय करने वाले व्लादिमीर पुतिन को उनके देशवासियों ने एक बार फिर अपनाया है। जी हां, व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को चौथी बार रूस के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। करीब दो दशक लंबा कार्यकाल पूरा कर चुके पुतिन का आज से छह वर्षों का चौथा कार्यकाल शुरू हुआ। पुतिन ने  रूस पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ साथ विपक्ष को कमजोर किया और विदेशों में रूस की ताकत की नई झलक भी दिखायी। 65 साल के पुतिन अब अगले छह साल यानी 2024 तक इस पद पर बने रहेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में करीब 5000 मेहमानों ने हिस्सा लिया। बता दें कि  राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यकाल को मिलाकर व्लादिमीर पुतिन बीते 18 साल से सत्ता पर काबिज हैं।

रूस के संविधान की शपथ लेकर पुतिन ने कहा, ”रूस, उसके वर्तमान और भविष्य के लिए हर संभव कार्य करना मैं अपना कर्तव्य और अपने जीवन का लक्ष्य मानता हूं।”  राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनकी जिंदगी रूस के वर्तमान और भविष्य को शांतिपूर्ण और संपन्न बनाने के लिए समर्पित है। उन्होंने खुद को रूस के सभी नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध बताया। इससे पहले रविवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि अगले कुछ वर्षों में लोगों की असल आमदनी बढ़ाना उनका मकसद होगा।

व्लादिमीर पुतिन 1999 से ही सत्ता में हैं। मार्च में हुए आम चुनाव में उन्हें 76.7 प्रतिशत वोट मिले थे। उन्हें 76.67 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। हालांकि, लगातार सत्ता पर बने रहने की वजह से विपक्षी उनकी तुलना तानाशाह जार शासकों से करते हैं। खबरों कें मुताबिक, शपथ लेने से पहले ही रूस में उनका विरोध शुरू हो चुका है। रूस के मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग समेत बीस शहरों में शनिवार को उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए।

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