वरिष्ठ सपा नेता आजम खां सोमवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश हुए। एसआईटी ने उनके साथ नगर विकास सचिव एसपी सिंह को भी बुलाया था। एसआईटी ने उन्हें पिछली सपा सरकार के दौरान हुए जल निगम भर्ती घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया था। एसआईटी ने आजम खान और पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की। बता दें कि आजम खां जल निगम में हुई उक्त भर्ती के समय न सिर्फ विभाग के मंत्री थे बल्कि वह जल निगम बोर्ड के चेयरमैन भी थे। आरोप है कि यह भर्तियां आजम खां के अनुमोदन से ही की गई थी। इस बाबत आजम खां का कहना है कि इस घोटाले से मेरा कोई लेना-देना नहीं।

मीडिया से मुखातिब होते ही आजम खान ने बताया कि प्रदेश सरकार कुछ करे या न करे, कम से कम चोरों की फेहरिस्त में उनका नाम तो ला ही दिया। उन्होंने कहा कि  सरकार उन्हें इतना अपमानित कर चुकी है अब इससे ज्यादा अपमान क्या होगा?  यही नहीं उन्होंने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा और कई गंभीर आरोप लगाए। इससे पहले एसआईटी ने आजम खां की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए थे।

बता दें कि समाजवादी पार्टी सरकार में जल निगम में हुई 1300 भर्तियों में कथित घोटाले की जांच एसआईटी कर रही है। एसाईटी ने आजम खान के बयान दर्ज कराने के लिए समन भेजा था और उन्हें 22 जनवरी का समय दिया था। खबरों के मुताबिक लगभग 2 घंटे चली पूछताछ के दौरान आज़म खान ने नियुक्ति प्रक्रिया से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ इतना जानते हैं कि बरोजगारों को नौकरी नहीं मिली।

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