स्वराज अभियान के अध्यक्ष और पूर्व आप नेता योगेन्द्र यादव अपने ही एक ट्वीट को लेकर मुश्किल में फंस गए हैं। योगेन्द्र को ट्विटर अकाउंट पर भगवान राम और सीता माता का एक कार्टून शेयर इतना भारी पड़ गया कि अब उन्हें सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा हैं। दरअसल योगेन्द्र यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भगवान राम का कार्टून शेयर कर देश में हो रही बलात्कार की घटनाओं को लेकर भाजपा सरकार पर तंज कसा था। लेकिन योगेन्द्र अपने ही बुने जाल में फंस गए क्योंकि सोशल मीडिया यूजर्स को यह बात अच्छी नहीं लगी कि उन्होंने सरकार पर तंज कसने के लिए भगवान राम के कार्टून का इस्तेमाल किया।

योगेन्द्र द्वारा शेयर की गई तस्वीर में भगवान राम और सीता माता को आपस में बात करते हुए दिखाया गया है। तस्वीर में बने कार्टून में माता सीता के हाथ में अखबार लगा हुआ है, जिसमें लिखा है- मंदिर में बलात्कार हुआ, एक नाबालिग का बलात्कार भाजपा विधायक द्वारा किया गया और मुख्यमंत्री योगी आरोपी विधायक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।  इस पर सीता जी भगवान राम से यह कहती दिखाई दे रही हैं कि “मुझे खुशी है कि मेरा अपहरण रावन ने किया था, ना कि आपके भक्तों ने”!

योगेन्द्र यादव के इस ट्वीट के बाद कई यूज़र्स का गुस्सा उन पर फूट पड़ा। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए योगेन्द्र यादव की आलोचना की। यदुबीर कुमार सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, यादव जी मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं और आपसे ऐसे ट्वीट की उम्मीद नहीं थी। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, कि इन नेताओं को शर्म करनी चाहिए जो अब भगवान राम को भी राजनीति में ले आए।

गौरतलब है कि योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को साल 2015 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद इन दोनों नेताओं ने स्वराज अभियान नामक राजनैतिक पार्टी का गठन किया।

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