क्रिकेट की दुनिया में अपने धमाकेदार बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले यूसुफ पठान की किस्मत ने भले ही साथ न दिया हो लेकिन बीसीसीआई ने उनका पूरा साथ दिया। दरअसल, 2011 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रह चुके यूसुफ पठान को अनजाने में हुई एक भूल के चलते पांच महीने क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। बीसीसीआई ने मंगलवार को आधिकारिक खुलासा किया कि टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर यूसुफ पठान पिछले साल अक्टूबर में एक प्रतिबंधित ड्रग्स के सेवन के दोषी पाये गए थे। उनका निलंबन 15 अगस्त 2017 से लागू हुआ और यह निलंबन 14 जनवरी, 2018 को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद पठान फिर से वापसी कर सकेंगे और उनके चाहने वालों को उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी देखने का मौका मिल सकेगा।
यूसुफ ने ब्रोजिट नाम की दवा का सेवन किया था। इस दवा में प्रतिबंधित पदार्थ का इस्तेमाल होता है। किसी भी खिलाड़ी को यह दवा लेने के लिए पहले से ही अनुमति लेनी पड़ती है। लेकिन दवा लेने से पहले न तो यूसुफ पठान ने ही इजाजत ली और न ही बड़ौदा टीम के डॉक्टर ने। नतीजा यह रहा कि यूसुफ डोप टेस्ट में फेल हो गए। डोप टेस्ट का रिजल्ट पॉजेटिव आते ही बीसीसीआई ने बड़ौदा एसोसिएशन को जारी सत्र के लिए यूसुफ को टीम में न चुनने का फरमान जारी कर दिया।
हालांकि पठान की दलील है कि उन्होंने अनजाने में एक कफ सिरप पी, जिसमें वो ड्रग थी। उसकी मंशा कतई इसके जरिए अपने खेल को बेहतर करने की नहीं थी। हालांकि बीसीआई ने उनके सजा को कम कर दिया और सिर्फ 5 महीनों की सजा सुनाई। इसके लिए पठान ने पत्र लिखकर बीसीसीआई का शुक्रिया अदा किया।