कौन है Sushen Mohan Gupta जिसे राफेल लड़ाकू विमान सौदे में मिला 65 करोड़ रुपये का कमीशन?

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sushen mohan gupta
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बीते रविवार को, फ्रांसीसी मीडिया के जरिए ये जानकारी सामने आयी कि फ्रांसीसी विमानन फर्म डसॉल्ट ने भारत सरकार को राफेल लड़ाकू विमान बेचने के लिए एक बिचौलिए को कथित तौर पर कम से कम 7.5 मिलियन यूरो (लगभग 65 करोड़ रुपये) का कमीशन दिया। पैसे का भुगतान कथित तौर पर शेल कंपनियों और फर्जी बिलों के जरिए किया गया था।

राफेल विवाद में इस नई जानकारी के सामने आने के बाद, सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी दोनों ने एक-दूसरे पर और संबंधित बिचौलिए सुशेन गुप्ता पर उंगली उठाई है। जहां कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सुशेन गुप्ता को डसॉल्ट से रिश्वत दिलाने के सबूत होने के बावजूद बीजेपी ने जांच शुरू नहीं की, वहीं बीजेपी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर बिचौलिए सुशेन गुप्ता के जरिए “कमीशन” लेने का आरोप लगाया।

लेकिन सुशेन मोहन गुप्ता कौन है?

46 वर्षीय कारोबारी सुशेन मोहन गुप्ता एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिसका भारत के रक्षा और विमानन उद्योग से गहरा नाता है। पुरानी दिल्ली में रहने वाले, सुषेन गुप्ता के दादा बृज मोहन गुप्ता के विमानन की दुनिया में कदम रखने से पहले, गुप्ता परिवार मूल रूप से कपड़ों के व्यवसाय में था।

अपनी इंडियन एविट्रोनिक्स के जरिए बृज मोहन गुप्ता ने कई अंतरराष्ट्रीय रक्षा और विमानन कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया। 1980 के दशक में, उनके ग्राहकों में एयरो-इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी , एविएशन सीटिंग और सिमुलेटर कंपनी रिकारो और पूर्व ब्रिटिश विमानन निर्माता वेस्टलैंड एयरक्राफ्ट शामिल थे।

दिल्ली में सिविल लाइन्स के निवासी सुशेन गुप्ता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में पूरी की। बाद में वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग और औद्योगिक प्रबंधन की पढ़ाई की। बाद में वह परिवार के कारोबार में शामिल हो गए।

सुशेन गुप्ता अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले के आरोपियों से जुड़ा रहा है

सुशेन गुप्ता 2010 के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में दो मुख्य आरोपियों – वकील गौतम खेतान और राजीव सक्सेना के साथ जुड़े रहे हैं। गौतम खेतान के पिता ओपी खेतान गुप्ता परिवार के वकील थे। कोर्ट में दिए गए बयान के मुताबिक, सुशेन गुप्ता ने राजीव सक्सेना से ओपी खेतान के जरिए मुलाकात की थी।

इन तीनों – सुशेन गुप्ता, गौतम खेतान और राजीव सक्सेना को अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे की जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था। सुशेन गुप्ता को बाद में दिल्ली की एक अदालत ने सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया।

फ्रांसीसी मीडिया की नयी रिपोर्ट के मुताबिक, सुशेन गुप्ता ने कथित तौर पर शेल कंपनियों के अपने नेटवर्क का इस्तेमाल किया, जिसका इस्तेमाल अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के दौरान राफेल सौदे में डसॉल्ट एविएशन से रिश्वत लेने के लिए किया गया था।

2007 में, भारत ने मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MMRCA) कॉम्पटीशन के जरिए 126 लड़ाकू विमान हासिल करने का प्रस्ताव रखा था। बाद में डसॉल्ट ने सबसे कम बोली लगाई थी। हालांकि, भारत सरकार और फ्रांसीसी कंपनी के बीच बातचीत बिना किसी समझौते के सालों तक चली।

सुशेन गुप्ता के पास सौदे से जुड़ी कई गोपनीय जानकारियां थीं

आखिरकार, 2016 में, डसॉल्ट को सरकार से सरकार के सौदे में 7.8 बिलियन यूरो की अनुमानित कीमत पर 36 राफेल विमानों की आपूर्ति करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। फ्रांस के मीडिया हाउस की एक पुरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि सुशेन गुप्ता को भारतीय पक्ष की रणनीति के बारे में पता था। यहां तक ​​​​कि सौदे के अंतिम चरण के दौरान भी उसे कई चीजें मालूम थीं।

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