अक्षय कुमार की फिल्म बेल बॉटम सिनेमाघरों में छाई हुई है। फिल्म को लेकर दर्शक अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया पेश कर रहे हैं। कोरोना महामारी में रिलीज हुई फिल्म ने अब तक 8.5 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। यह कमाई फिल्म ने पांच दिन के भीतर की है। तीसरे दिन 3 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था। बता दें कि बेल बॉटम को गल्फ देशों में बैन कर दिया गया है।
बेल बॉटम को कतर, सऊदी अरब और कुवैत में बैन कर दिया गया है। इन देशों का कहना है कि फिल्म के ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है।
फिल्म सर्टिफिकेशन अथॉरिटी का कहना है कि ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। इसी वजह से इन तीनों ही देशों में ‘बेलबॉटम’ की स्क्रीनिंग बैन की गई।
यह एक स्पाई थ्रिलर फिल्म है। 1980 में विमान हाईजैकिंग पर बेल बॉटम की कहानी आधारित है। इसमें अभिनेता अक्षय कुमार एक रॉ एजेंट का किरदार अदा कर रहे हैं।
हालांकि असलियत में 1984 में विमान हाईजैकिंग के इस मामले को यूएई मिनिस्टर शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने खुद इस सिचुएशन को हैंडल किया था। लाहौर से दुबई पहुंचे इस विमान के हाईजैकर्स को उन्होंने ही पकड़ा भी था। माना जा रहा है कि इसी के चलते सऊदी अरब, कुवैत और कतर में फिल्म रिलीज नहीं हो पाई है।
सच्ची घटनाओं से प्रेरित इस फिल्म की कहानी एक रॉ ऐजेंट की है, जिसे हम एक ऐसा अनसंग हीरो भी कह सकते हैं, जिसकी जांबाजी, सूझ-बूझ और साहस हाइजेक हुए एक प्लेन के न केवल पैसेंजर बचा लिए जाते हैं बल्कि उस प्लेन को अगवा करने वाले आतंकवादियों को भी पकड़ लिया जाता है। फिल्म की पृष्ठ्भूमि अस्सी के दशक की है, जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (इस भूमिका को लारा नई निभाया है) हुआ करती थीं। यह वो दौर था, जब देश एक के बाद एक करके लगातार कई हाइजेक्स का शिकार हो चुका था। एयर प्लेन के इन हाइजेक्स में देश को निगोशिएशन के दौरान आतंकियों को यात्रियों की जान के एवज में करोड़ों रुपये की मोटी रकम तो देनी पड़ती है, मगर साथ ही हर बार भारतीय जेल में बंद खूंखार आतंकवादियों को भी रिहा करना पड़ता है। बाकी की कहानी को जानने के लिए आप को इस फिल्म को देखना पड़ेंगा।