Agriculture Budget 2022: हाल के दशकों में कई कारणों से कृषि नीति अकादमिक चर्चा के केंद्र में बनी हुई है और तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ ही जनता की स्मृति में ताजा है। वहीं इस बार के बजट में किसानों के लिए कई प्रावधान किया गया है। यहां हम आपको किसानों की आय और कृषि स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रावधान के बारे में बता रहें हैं:
केंद्रीय बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद से 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का कवर मिलेगा और 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान होगा।
Agriculture Budget 2022: रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को दिया जाएगा बढ़ावा
वहीं पहले चरण में गंगा नदी के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा।
बता दें कि साल 2023 को सरकार ने मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। सरकार मोटे अनाज उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग पर जोर देगी। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 44,605 करोड़ रुपये की लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को शुरू करने का ऐलान किया है।
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकता है, जिसमें धान, खरीफ और रबी फसलों के लिए किसान शामिल हैं। इसके तहत 1,000 लाख मीट्रिक टन धान की ख़रीद होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे 1 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए, राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए व्यापक पैकेज पेश किया जाएगा।
Agriculture Budget 2022: कृषि का 18-20 प्रतिशत देश के सकल मूल्यवर्धन में योगदान
बता दें कि विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, कृषि देश के सकल मूल्यवर्धन में केवल 18-20 प्रतिशत का योगदान करती है, लेकिन 60 प्रतिशत आबादी को रोजगार देती है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत आवंटन भारत के कुल बजट में 12% की तुलना में वित्तीय वर्ष 2017 और 2022 के बीच प्रभावशाली 25% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है।
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