BSP सांसद Atul Rai रेप कांड में फंसे डिप्टी एसपी को योगी सरकार ने किया बर्खास्त, SC के सामने आत्महत्या करने वाली रेप पीड़िता ने लगाया था आरोप

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Amresh Singh Baghel
Amresh Singh Baghel

BSP सांसद अतुल राय रेप मामले में वाराणसी की जेल में बंद डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दोषी पाते हुए प्रांतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी के घोसी से लोकसभा सांसद अतुल राय पर वाराणसी के लंका थाने में रेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता और उसके साथी गवाह सत्यम प्रकाश राय को दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में अमरेश सिंह बघेल इस समय वाराणसी के चौकाघाट स्थित जिला जेल में बंद हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली पीड़िता ने 1 मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ रेप और जान से मारने की धमकी देने की एफआईआर करवाई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले की जांच तत्कालीन सीओ भेलूपुर अमरेश सिंह बघेल ने की थी।

इसे अतुल राय का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि साल 2019 में चुनाव जीतने के बाद भी उन्हें संसद के दर्शन आज तक नहीं हुए हैं। आज भी वह प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में अपनी जमानत या बेगुनाही का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सांसद अतुल राय की इस केस में गिरफ्तारी को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

अमरेश सिंह बघेल 2020 से Dy.SP के पद से निलंबित थे

उन्होंने जांच रिपोर्ट में पीड़िता के आरोप को निराधार और झूठा बताते हुए प्रकरण की दोबारा विवेचना की बात कही थी। वहीं मामले में गंभीर कदाचार के दोषी पाये जाने के कारण शासन ने साल 2020 में अमरेश सिंह बघेल को निलंबित कर दिया था। उनके खिलाफ विभागीय जांच की संस्तुति कर दी गई थी। सेवा से बर्खास्त हो चुके अमरेश सिंह बघेल ने उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुए थे और प्रमोशन पाकर डिप्टी एसपी के पद तक पहुंचे थे।

इस मामले ने तब और भी गंभीर मोड़ ले लिया जब बीते 16 अगस्त को पीड़िता और उसके गवाह साथी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने शरीर पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। दिल्ली पुलिस ने दोनों को गंभीर अवस्था में दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां पहले लड़के की और बाद में लड़की की मौत हो गई।

पीड़िता के बयान पर पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था

इस प्रकरण से दिल्ली से लेकर लखनऊ तक में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में योगी सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। एसआईटी की जांच में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया, जो इस समय लखनऊ की जेल में बंद है।

पीड़िता ने आत्महत्या से पहले आईपीएस अमिताभ ठाकुर, तत्कालीन गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक के साथ-साथ डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल सहित कई अन्य नामों को लेकर उनपर अपने प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

गाजियाबाद के SSP अमित पाठक की कुर्सी भी चली गई थी

योगी सरकार ने तत्काल गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक को डीजीपी दफ्तर से संबंध किया क्योंकि पीड़िता ने जिस समय वाराणसी में सांसद अतुल राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस वक्त अमित पाठक बतौर एसएसपी वाराणसी के पद पर तैनात थे। इसलिए पीड़िता ने आत्मदाह से पहले उनका नाम भी लिया था।

एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही बीते दिनों लंका थाने में अमरेश सिंह बघेल के खिलाफ पीड़िता और उसके गवाह को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में एसओजी और लंका पुलिस ने 30 सितंबर को बाराबंकी के हैदरगढ़ टोल प्लाजा से अमरेश सिंह बघेल को गिरफ्तार किया था।

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