Sharad Purnima 2021: आज हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) है। शरद पूर्णिमा का उत्सव हर साल हिंदू चंद्र मास अश्विन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसे कुमारा पूर्णिमा (Kumara Purnima), कोजागिरी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima), नवन्ना पूर्णिमा (Navanna Purnima) और कौमुदी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अमृत की वर्षा होती है।
इस साल की पूर्णिमा तिथि आज यानी 19 अक्टूबर को शाम 07.03 बजे से शुरू होकर 20 अक्टूबर की रात 08.26 बजे तक चलेगी। 19 अक्टूबर को चंद्रोदय का समय शाम 05.20 बजे है। 20 अक्टूबर को कोजागरी पूजा का समय रात्रि 11.41 बजे से शुरू होकर 51 मिनट तक 12.31 बजे तक चलेगा।
शरद पूर्णिमा में महिलाएं उपवास रखती हैं
इस शुभ दिन पर राधा कृष्ण, शिव पार्वती, और लक्ष्मी नारायण जैसे कई दिव्य जोड़ों की चंद्रमा के साथ पूजा की जाती है और उन्हें फूल और खीर का भोग लगाया जाता है। मंदिरों में देवताओं को आमतौर पर सफेद रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। बहुत से लोग इस दिन पूरे दिन का उपवास रखते हैं।
इस दिन को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ओडिशा में इस दिन अविवाहित महिलाएं अपने योग्य वर प्राप्त करने की लोकप्रिय धारणा के साथ उपवास रखती हैं। इस त्योहार की शुरुआत सूर्योदय के समय युवतियों द्वारा नारियल, केला, खीरा, सुपारी, गन्ना, अमरूद जैसे 7 फलों से भरे तले हुए धान से भरे हुए ‘कुला’ नामक नारियल के पत्ते से बने बर्तन के साथ सूर्य देव को अपर्ण करने के साथ होती है। शाम को वे फल, दही और गुड़ के साथ सुबह के तले हुए धान से युक्त पकवान बनाकर चंद्र देवता को ‘तुलसी’ के पौधे के सामने चढ़ाकर अपना उपवास तोड़ती हैं। इसके बाद पूर्णिमा की रोशनी में युवतियां खेल खेलती हैं और गीत गाती हैं। गुजरात के कई हिस्सों में चांद की रोशनी में गरबा होता है।
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