Solar Eclipse 2022: दिवाली के अगले दिन लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें किन बातों का आपको रखना है ध्यान

ग्रहण लगने से पहले के समय को सूतक काल कहते हैं और इसे अशुभ माना जाता है।

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Solar Eclipse 2022: सूर्य ग्रहण का प्रतीकात्मक दृश्य
Solar Eclipse 2022: सूर्य ग्रहण का प्रतीकात्मक दृश्य

Solar Eclipse 2022: 24 अक्टूबर को देश भर में दिवाली मनाई जाएगी। वहीं, इसके अगले दिन 25 को साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा। वैसे तो यह ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप और उत्तर-पूर्वी अफ्रीका में दिखाई देगा, लेकिन पश्चिमी एशिया के साथ यह भारत के कई जगहों से भी देखा जा सकेगा। अब आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का समय, भारत के कौन-कौन से शहरों में दिखेगा यह ग्रहण और किन बातों का रखना होगा ध्यान…

Solar Eclipse 2022: सूर्य ग्रहण का प्रतीकात्मक दृश्य
Solar Eclipse 2022: सूर्य ग्रहण का प्रतीकात्मक दृश्य

Solar Eclipse 2022: भारत में सूर्य ग्रहण का समय

बता दें कि सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, जिसे खुली आंखों से देखने की मनाही होती है। इसे एक विशेष शीशे की मदद से ही देखा जा सकता है। कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण को बिना विशेष शीशे से देखने या खुली आंखों से देखने पर आंखों के खराब होने की संभावना ज्यादा रहती है।
मिली जानकारी के अनुसार, भारत में सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को लगेगा। यह दोपहर 4 बजकर 29 मिनट से शाम को 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। वहीं, करीब 1 घंटा 14 मिनट के बाद यह ग्रहण शाम में सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जाएगा।

भारत में यहां दिखेगा आंशिक सूर्य ग्रहण

आशिंक सूर्य ग्रहण को अमावस्या के दिन होना बताया जा रहा है। इस सूर्य ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। इस दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी ज्यादा हो जाती है और चन्द्रमा बीच में आ जाता है, जिससे पृथ्वी से सूर्य का मात्र कुछ ही हिस्सा दिखाई देता है, जिसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।
वहीं, भारत में यह सूर्य ग्रहण पूर्वी हिस्से को छोड़कर देश की राजधानी नई दिल्ली, चेन्नई, उज्जैन, कोलकाता, बेंगलुरु, वाराणसी और मथुरा में दिखाई देगा।

इन बातों का रखें ध्यान

ग्रहण लगने से पहले के समय को सूतक काल कहते हैं और इसे अशुभ माना जाता है। सूतक काल में कोई भी मांगलिक काम नहीं होते हैं। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, लेकिन सुबह से सूतक के नियम लागू होने के कारण पूजा पाठ नहीं किया जा सकेगा। ये त्‍योहार 26 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा। सूतक के दौरान पूजा-पाठ से संबंधित कार्य नहीं किए जाते हैं। मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। खाना-पीना और सोना भी वर्जित माना गया है। यदि आपके घर में भोजन बना हुआ है तो उसमें सूतक से पहले तुलसी के पत्ते डाल देना होता है।

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