विपक्ष के हंगामे के कारण 19 जुलाई से चल रहा संसद का मॉनसून सत्र समय से दो दिन पहले ही खत्म हो गया है। बुधवार को खबर आई की सदन की कार्यवाही यहीं खत्म होती है। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस पिछले दो सालों से अपनी पार्टी के लिए अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है वह सदन की मर्यादा को भंग कर रही है।
मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। कृषि कानून के खिलाफ विपक्षी दोलों ने सदन के भीतर टेबल पर चढ़कर कृषि कानून की किताब को फेंक दिया और जोर- जोर से नारे लगाने लगे काले कानून रद्द करो।
संसद में विपक्ष के हंगामे पर लोकसभा स्पीकर ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि सदन में सभी माननीय सदस्यों को संसदीय मर्यादा का हर हाल में पालन करना ही होगा।
लोकसभी स्पीकर के इस टिप्पणी का विपक्षी दलों पर कोई असर नहीं हुआ। कृषि कानून रद करने के लिए विपक्षी सांसदों का जबरदस्त हंगामा किया। कानून की प्रतियां लहराते हुए कई सांसद मेज पर चढ़ गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संसद में विपक्ष ने किसान आंदोलन, पेगासस जासूसी कांड और अन्य मुद्दों को लेकर इतना भारी हंगामा किया कि राज्यसभा अपने निर्धारित समय से लगभग 21 प्रतिशत चली। जिसके कारण करदाताओं के 133 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
खबर के मुताबिक 19 जुलाई से शुरु हुए और 13 अगस्त को खत्म होने वाले सत्र में अब तक 89 घंटे बर्बाद हो चुके हैं। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद ने 107 घंटों के निर्धारित समय में से केवल 18 घंटे ही काम किया। वहीं लोकसभा निर्धारित समय के 13 प्रतिशत से भी कम समय के लिए काम हो पाया।
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा अपने संभावित 54 घंटों में से केवल सात घंटे ही चल सकी। वहीं राज्यसभा संभावित 53 घंटों में से 11 घंटे ही चल पाई है। अब तक संसद में संभावित 107 घंटों में से केवल 18 घंटे (16.8 प्रतिशत) काम हुआ।
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हंगामे के बीच लोकसभा में विनियोग विधेयक के अलावा केवल पांच विधेयक पारित हो पाए हैं। राज्यसभा में भी लगभग इतने ही बिल पास हो चुके हैं। विपक्ष के हंगामे कारण केंद्र चिंता में है। केंद्र को छह अहम अध्यादेश पेश करना है लेकिन विपक्ष केंद्र पर पूरी तरह से हावी है।